बड़ी ख़बर- डीएसपी जिया उल हक़ हत्याकांड की जाँच करने के लिए कुंडा पहुँची सीबीआई की टीम।
यूपी के बाहुबली विधायक राजा भैया को इसके पहले साल 2013 में केवल 3 महीने में क्लीन चिट देकर जाँच बंद कर दी गई थी।
सीबीआई की पिछली टीम ने राजा भैया की अपनी गुहार पर सिर्फ़ उनका पॉलीग्राफ़ टेस्ट कराया। बाक़ी एक भी किरदार का पॉलीग्राफ़ टेस्ट नहीं कराया गया।
मामले के 36 “की विटनेस” के बयान ही दर्ज नहीं किए गये। आरोप लगा कि एक “अप्रत्याशित” सी जल्दबाज़ी में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा और सुप्रीम कोर्ट ने फिर से जाँच का आदेश दिया है।
अब सीबीआई की नई टीम के सामने चुनौती है कि मामले के सभी गवाहों का बयान दर्ज करे और मामले की फिर से जाँच करे।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में कई अहम गवाह और टेक्निकल एविडेंस ऐसे हैं जो न्याय की आत्मा को झकझोर सकते हैं!!