संगमनगरी की गलियों में खेलने वाली दिशी कटियार चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने में मददगार बनी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ट्रैकिंग एवं टेलीमेट्री कमांड नेटवर्क में तैनात दिशी अंतिम क्षणों तक चंद्रयान की ट्रैकिंग में शामिल रहीं। बेटी की इस उपलब्धि पर माता-पिता ही नहीं, पूरे शहरवासियों का कलेजा सौ गज चौड़ा हो गया है।
सूबेदारगंंज की रेलवे कॉलोनी में रहने वाले चीफ विजिलेंस ऑफिसर (स्टोर) इंद्रजीत कटियार की पुत्री दिशी की रुचि बचपन से ही विज्ञान के क्षेत्र में रही। हंडिया के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका के तौर पर तैनात मां विनीता कटियार बेटी की इस कामयाबी पर गौरवान्वित हैं। चंद्रयान-3 की ट्रैकिंग टीम में शामिल बेटी दिशी से उनकी बात मिशन की सफलता के बाद अभी तक नहीं हो सकी है।
पिता भी अपनी इकलौती बेेटी से बात करने और उसे और आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करने के लिए बेताब हैं, लेकिन दिशी के पास फोन न होने की वजह से अभी तक संपर्क नहीं हो सका है। उन्होंने अमर उजाला से बातचीत में दिशी के मिशन मून को लेकर कई अहम जानकारियां दीं। बताया कि इलेक्ट्रानिक एंड टेलिकम्युनिकेशन में विशेषज्ञता हासिल करने वाली दिशी इसरो में चयनित होने के बाद मार्च 2022 में चंद्रयान-3 का हिस्सा बनी थी।